नई दिल्ली (किरण): अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान बड़ी सौगात दी है। दोनों देशों ने ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान क्राउन प्रिंस ने रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने जोर दिया।
भारत और यूएई परमाणु ऊर्जा और पेट्रोलियम के क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाएंगे। चार समझौतों में पहला अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति का समझौता है। दूसरा अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के मध्य समझौता हुआ है। इसके तहत यूएई के बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र का संचालन और रख-रखाव किया जाएगा।
तीसरा समझौता इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के बीच हुआ। चौथे समझौते के तौर पर ऊर्जा भारत और एडीएनओसी के बीच अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-1 के लिए उत्पादन रियायत समझौता पर भी दोनों देशों ने हस्ताक्षर किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रियायत ऊर्जा भारत को देश में कच्चा तेल लाने का अधिकार प्रदान करेगा। इस समझौते से देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलेगा।
यूएई गुजरात में एक फूड पार्क स्थापित करेगा। इसके लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच अलग से एक समझौता हुआ है। यूएई गुजरात में एक फूड पार्क स्थापित करेगा। इसके लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच अलग से एक समझौता हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हाल के वर्षों में भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, निवेश, संपर्क, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति समेत कई क्षेत्रों में गहरी हुई है।”
बता दें कि इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई का दौरा किया था। उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा और आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।