अयोध्या (राघव): अयोध्या में जनवरी 2025 के कार्यक्रम में राम दरबार की औपचारिक प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसमें भगवान राम, माता सीता, भगवान हनुमान और भगवान राम के भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की 4.5 फुट ऊंची संगमरमर की मूर्तियां शामिल होंगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा। ट्रस्ट ने 70 एकड़ के राम जन्मभूमि परिसर में 18 अन्य मंदिरों के निर्माण के लिए मार्च से अगस्त 2025 तक की समयसीमा तय की है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर का भूतल बनकर तैयार है और पहली और दूसरी मंजिल पर काम चल रहा है।ट्रस्ट की योजना राम मंदिर के उद्घाटन की पहली वर्षगांठ के साथ 11 जनवरी, 2025 को राम मंदिर की पहली मंजिल का उद्घाटन करने की है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर के निर्माण कार्य में हो रही देरी की वजह भी बताई है। उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य मार्च 2025 तक सब कुछ पूरा करने का था लेकिन अब लगता है कि काम पूरा करने में कुछ और समय लगेगा। मिश्रा ने बताया कि लार्सन एंड टुब्रो के इंजीनियर बार-बार कह रहे हैं कि अगर ज्यादा दबाव डालेंगे तो निर्माण की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। इस मंदिर का निर्माण इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) कर रही है। यह दुनिया की टॉप इन्फ्रा कंपनियों में शामिल है। मंदिर निर्माण का लगभग 60 फीसदी काम पहले ही पूरा हो चुका है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि निर्माण की समीक्षा में पाया गया है कि मंदिर में नीचे के चबूतरे पर जहां राम कथा के चित्र लगाए जाने हैं, उसे अंतिम रूप देने में थोड़ी कठिनाई है। हम भित्ति चित्र नहीं काट सकते, उसमें कथा की निरंतरता होनी चाहिए। इसलिए इसमें काफी समय लगा, हमारे कलाकारों ने कुछ तरीके सुझाए हैं।
इस बीच मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के दीवारों और स्तंभों पर बनने वाली मूर्तियों की नई तस्वीरें सामने आई हैं। इन मूर्तियों में राम कथा के प्रसंग और महाबली हनुमान की मूर्तियां हैं। पहली बार निर्माणाधीन शिखर की तस्वीर भी सामने आई हैं। मंदिर के दीवारों और खम्भों पर बन रही मूर्तियां बेहद ख़ूबसूरत हैं। राम मंदिर को भव्य बनाने के साथ ही दीवारों और स्तंभों के आर्टवर्क और मूर्तियों पर विशेष ध्यान दिया गया है।