वाशिंगटन (किरण): अमेरिकी नागरिक और अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के आरोपों की जांच के लिए गठित भारतीय जांच समिति आज अमेरिका जाएगी। दरअसल, दावा किया गया था कि पन्नू की हत्या की कोशिश के पीछे भारतीय अधिकारियों का हाथ है। इन आरोपों को लेकर भारत ने एक जांच कमेटी का गठन किया था। अब ये टीम आरोपों की जांच के लिए आज यानी की 15 अक्तूबर को अमेरिका दौरे पर जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।
पीटीआई ने अमेरिकी विदेश विभाग के हवाले से बताया कि जांच समिति अपनी चल रही जांच के तहत 15 अक्टूबर को वाशिंगटन डीसी जाएगी, ताकि मामले पर चर्चा की जा सके, जिसमें उन्हें प्राप्त जानकारी भी शामिल होगी तथा अमेरिकी अधिकारियों से चल रहे मामले के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके अतिरिक्त, विदेश विभाग ने कहा कि भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि वे पूर्व सरकारी कर्मचारी के अन्य संबंधों की जांच करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं तथा आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई भी करेंगे। पिछले नवंबर में, अमेरिकी अभियोजकों ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की कथित साजिश के लिए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया था।
गुप्ता को पिछले साल जून में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था, जिसे 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। भारत ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन इसकी जांच के लिए एक आंतरिक जांच दल का गठन किया है। इस साल जुलाई में, गृह मंत्रालय ने पन्नू के सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया। मंत्रालय के अनुसार, पन्नू का एसएफजे पंजाब में राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, जिसका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है। पिछले महीने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सिख फॉर जस्टिस के नेता और खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू द्वारा आतंकवाद संबंधी गतिविधियों और हिंसा को बढ़ावा देने से संबंधित एक मामले में पंजाब भर में चार स्थानों पर तलाशी ली थी।
एनआईए की टीमों ने मोगा में एक स्थान, बठिंडा में दो स्थानों और मोहाली में एक स्थान पर संदिग्धों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। एएनआई ने बताया कि तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरणों सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई, जिनकी जांच की जा रही है। गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह आतंकवाद के आरोपों में भारत में वॉन्टेड है। अमृतसर के खानकोट का रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह विदेश चला गया जहां उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को फिर जिंदा करने की कोशिश की। फिलहाल वह अमेरिका और कनाडा में रह रहा है।
पन्नू खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया के रूप में काम करता है। खालिस्तान समर्थक पन्नू पेशे से वकील है और अलग सिख देश खालिस्तान की मांग को लेकर जनमत संग्रह का एक प्रमुख आयोजक रहा है। ये जनमत संग्रह कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े भारतीय प्रवासी वाले देशों में आयोजित किए जाते रहे हैं। पन्नू मूल रूप से पंजाब के नाथू चक गांव में से ताल्लुक रखता है। अमेरिका में स्थित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापकों में से एक गुरपतवंत सिंह पन्नू सोशल मीडिया पर लगातार अलगाववादी बातें करता था। वह अक्सर भारत विरोधी बातें करता नजर आता। यही नहीं, पन्नू ने सोशल मीडिया पर भारत का झंडा तक जला दिया था, जिसके बाद उसके ऊपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।