नई दिल्ली (राघव): भारतीयो में सोने में निवेश करना एक पुरानी परंपरा रही है। खासकर भारतीय महिलाओं के लिए यह खास पूंजी रही है। हालांकि कभी-कभी सोना खरीदना, जोखिम भरा काम होता है क्योंकि इसकी शुद्धता और अधिक कीमत आड़े आ सकती है। फिलहाल इस समस्या का समाधान डिजिटल गोल्ड के रुप में सामने आया है, जिसमें आपको इन जोखिमों से छुटकारा मिलता है। डिजिटल गोल्ड ऐसा विकल्प है, जो कस्टमर्स को आधुनिक और नए रूप में इस पारंपरिक एसेट क्लास में निवेश करने की अनुमति देती है।
हाल ही में नावी(NAVI) ने डिजिटल गोल्ड के निवेशकों और गैर-निवेशकों के बीच एक सर्वे कराया है, जिसमें डिजिटल गोल्ड को अपनाने के मुख्य कारणों और इसे व्यापक रूप से अपनाने में बाधा डालने वाले कारणों के बारे में जानकारी सामने आई है। यहां हम उन सभी कारकों के बारे में विस्तार से जानेंगे। रिपोर्ट में पता चला है कि 50% निवेश इसलिए किए गए है, क्योंकि सोने ने हाल के दिनों में अच्छा रिटर्न दिया है। आमतौर पर फिजिकल गोल्ड खरीदा एक बड़ी जिम्मेदार होती है, क्योंकि इसमे निवेश करने से चोरी होने का खतरा बना रहता है। मगर डिजिटल गोल्ड के साथ 39% का मानना है कि घर पर रखने की तुलना में डिजिटल गोल्ड कम जोखिम भरा है और चोरी की कोई चिंता नहीं है।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि डिजिटल गोल्ड से सोने की शुद्धता प्रभावित नहीं होती है। 36% लोगों ने डिजिटल गोल्ड में इसकी शुद्धता के कारण यानी 24 कैरेट शुद्ध सोना खरीदने की क्षमता के कारण निवेश किया है। वहीं 25% का मानना है कि डिजिटल गोल्ड पेश करने वाले ऐप के माध्यम से किसी भी समय इसे खरीदने, बेचने और किसी भी समय अपने द्वारा किए गए निवेश को ट्रैक करने आसान और अधिक सुविधाजनक है।