वाशिंगटन (किरण): अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) का आतंकी चेहरा बेनकाब किया है। मैकमास्टर ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आतंकी संगठनों के साथ आइएसआइ की मिलीभगत है। उन्होंने यह भी उजागर किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को पाकिस्तान के लिए सुरक्षा सहायता को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।
मैकमास्टर ट्रंप के कार्यकाल के दौरान 20 फरवरी, 2017 से नौ अप्रैल, 2018 तक अमेरिकी एनएसए रहे। 62 वर्षीय मैकमास्टर ने अपनी पुस्तक ‘एट वार विद अवरसेल्व्स: माई टूर आफ ड्यूटी इन द ट्रंप व्हाइट हाउस’ में बताया है कि ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद करने तक सभी सहायता रोकने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को सैन्य सहायता देने की योजना बना रहे थे, जिसमें 15 करोड़ डालर से अधिक मूल्य के बख्तरबंद वाहन शामिल थे। हालांकि उनके हस्तक्षेप के बाद सहायता रोक दी गई थी। उन्होंने पुस्तक में लिखा है, ‘पाकिस्तान अपना बर्ताव नहीं बदल रहा था।
मैटिस की यात्रा से पहले उसने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा कर दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान में बंधकों से जुड़ी एक घटना ने आतंकियों के साथ आइएसआइ की मिलीभगत को उजागर किया था।