अलीगढ़ (राघव): नारायण साकार विश्व हरि ने अंधविश्वास के जाल में लाखों लोगों को फंसा लिया है। वह अपने मायावी बोल और उपायों से खुद को ईश्वर बताता है। इसी के चलते लोग चमत्कार की आस करते हैं। इसी के दम पर विश्वहरि ने अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया। सत्संग में आशीर्वाद और चमत्कार से समस्त कष्ट दूर होने की उम्मीद से ही सिकंदराराऊ के सत्संग में दूर-दराज के लाखों भक्त आए।
एक भक्त के अनुसार, बाबा की बिना दूध वाली चाय बहुत चमत्कारी है, जिसका सेवन करने मात्र से दर्द, बीपी, शुगर, थायराइड, किडनी, पेट की असाध्य बीमारियां आदि दूर हो जाती हैं। सत्संग के मध्य ही यह चाय भक्तों में वितरित की जाती है, जिसे पाने के लिए सभी टूट पड़ते हैं। कुछ तो केवल चमत्कारी चाय के लिए ही सत्संग में दूर-दूर से आते हैं। जिन्हें यह चाय मिल जाती है, वो खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं।
बाबा साकार हरि कितना बड़ा पाखंडी था, आपको उसका पुराना वीडियो देखकर समझ आएगा. बाबा खुद को भगवान बताता था और अपने आप को भगवान कृष्ण के रूप में प्रस्तुत करता था। इस दौरान वो हाथ में चक्र घुमाने का नाटक करता था। इस दौरान वह कहता था, ‘मैं अधर्म का विनाश करूंगा. कई फर्जी भगवान और फर्जी सद्गुरु बन बैठे हैं. सभी फर्जी सद्गुरुओं का पतन करूंगा और उनको कोढ़ी बनाऊंगा, आवश्यकता पड़ी तो मैं प्रलय ला सकता हूं. मैं संकल्प करता हूं. मैं अधर्म का विनाश करूंगा. मैं विष मिटाने के लिए प्रकट हुआ हूं और अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं।