कोलकाता (नेहा): कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल की महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी की घटना में गिरफ्तार अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष व स्थानीय टाला थाना के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को शुक्रवार को कोर्ट ने जमानत दे दी। इसके विरोध में आद दिन भर प्रदर्शन के आसार जताए जा रहे हैं। दोपहर 2 बजे शनिवार को, डब्ल्यूबीजेडीएफ, (वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट) केंद्र सरकार कार्यालय (सीजीओ) परिसर में सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के कार्यालय तक एक विरोध रैली आयोजित करेगा, जिसमें मांग की जाएगी कि केंद्रीय एजेंसी इस मामले में अपनी विफलता के लिए नैतिक जिम्मेदारी ले। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के आम लोगों का एक संयुक्त मंच ”अभय मंच” शनिवार दोपहर को मध्य कोलकाता के रानी रशमोनी रोड पर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगा।
घोष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने बताया कि सियालदह अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने दोनों आरोपितों को 2000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, क्योंकि उनके खिलाफ अनिवार्य 90 दिनों की अवधि के भीतर सीबीआई की ओर से चार्जशीट दायर नहीं की गई थी। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि जांच अभी जारी है, इसीलिए पूरक चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी।हालांकि कुछ शर्तें पूरी होने पर शाम को अभिजीत मंडल जेल से रिहा हो गए, उन्हें उनकी पत्नी साथ ले गईं। लेकिन संदीप को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल के वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में भी वह आरोपित हैं।
मंडल पर जहां इस घटना में एफआइआर दर्ज करने में देरी का आरोप लगाया गया था, वहीं घोष पर मामले में सुबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर घटना की जांच कर रही सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल से महिला डाक्टर का शव बरामद हुआ था। घटना में मुख्य आरोपित सिविक वालेंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया गया था। संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिलने पर मृत डाक्टर के पिता ने निराशा जताई है। कहा कि इस बात के सुबूत मिले हैं कि वे जांच सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। हमें अब उच्च न्यायालय जाना होगा। जूनियर डॉक्टरों ने भी घोष व मंडल को जमानत मिलने निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि वे पीड़िता के न्याय के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।