इंदौर (राघव): मध्यप्रदेश के पीथमपुर में कई महीनों के बवाल के बाद आखिरकार आज यूनियन कार्बाइड के वेस्ट को जलाया जाएगा। इसके लेकर रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) परिसर में प्रक्रिया शुरू हो गई है। भोपाल से 12 कंटेनर में 337 टन कचरे को लाकर रखा गया है, जिसमें से 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा। इसके प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च के पूर्व हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर के इसी संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कचरे को जलाने पर प्रशासनिक अफसरों ने निर्णय लिया।
गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के इस जवाब को भी रिकॉर्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जवाब में कचरा जलाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, सावधानियां व हादसे की आशंका के चलते व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई।
इस बीच, पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की थी। इसमें कहा था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों का पालन किए बगैर जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा था कि वह बताएं कि कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है, तो इससे निपटने के उसके पास क्या इंतजाम हैं। गुरुवार को सरकार ने जवाब पेश कर दिया। इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। चिन्मय मिश्र ने कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की संभावना तलाशेंगे।