जम्मू (राघव): जम्मू-कश्मीर में इस साल गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में 35 सालों के बाद त्राल का नाम भी जुड़ गया है। आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले त्राल में इस बार मुख्य चौराहे पर सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने जमा होकर गणतंत्र दिवस मनाया। जानकारी के अनुसार त्राल ने इस साल इतिहास रचा है। जिस त्राल में आतंकियों की दहशत से सन्नाटा छाया रहता था, उसी जगह मुख्य चौराहे पर सैंकड़ों लोगों ने इक्ट्ठे होकर तिरंगा झंडा फहराया और राष्ट्रगान गाया। इसके साथ ही हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से सारा आसमान गूंज उठा। उक्त गणतंत्र दिवस स्थानीय विधायक और पी.डी.पी. के नेता रफीक नाइक के नेतृत्व में हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय तिंरगे को एक बुजुर्ग, एक जवान और एक बच्चे ने एक साथ फहराया। उन्होंने यह संदेश दिया कि अब त्राल की कोई भी पीढ़ी चाहे वह बूढ़ा हो या बच्चा आतंक से नहीं डरती।
बता दें कि पहले हर साल गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर त्राल में सन्नाटा छाया रहता था। हड़ताल होती थी। दुकानों और घरों के बाहर काले झंडे लगे होते थे लेकिन इस बार का नजारा तो देखने लायक था। बच्चा-बूढ़ा हर कोई देशभक्ति के रंग में रंगा था और आतंक से निडर था। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि यह जो परचम लहरा रहा है वह अमन चैन की तरक्की का परचम है। अब हर एक व्यक्ति के दिल से आतंक का डर निकल चुका है। कश्मीर में ही अधिकतर अलगाववादी और आतंकियों का कहर रहा है। खासकर त्राल तो आतंकियों का गढ़ कहा जाता था। बुरहान वानी, आदिल, जाकिर मूसा जैसे कई खतरनाक आतंकियों का संबंध त्राल से ही रहा है। इस जगह हमेशा से ही आतंक का खौफ और दहशत देखने को मिलती थी।