वाशिंगटन (राघव): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मशहूर पॉडकास्टर और AI रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने निजी सोशल मीडिया अकाउंट ट्रूथ पर शेयर किया है। इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने मजबूत रिश्तों पर चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि दोस्त और नेता के रूप में ट्रंप के बारे में उन्हें क्या पसंद है? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने एक पुरानी घटना का जिक्र किया।
उन्होंने अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का जिक्र किया। उन्होंने कहा,”मैं और राष्ट्रपति ट्रंप वहां मौजूद थे। पूरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था। इतने लोगों का एक जगह पर एकत्र होना अमेरिका के लिए बहुत बड़ी घटना थी। मैंने जब भाषण दे रहा था तो राष्ट्रपति ट्रंप स्टेडियम में कुर्सी पर बैठकर मेरा भाषण सुन रहे थे। यह उनका बड़प्पन है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”भाषण देने के बाद जब मैं मंच से नीचे गय और मैंने ट्रंप से अनुरोध किया कि आइए हम स्टेडियम का एक चक्कर लगाते हैं और लोगों को नमस्ते कहते हैं तो राष्ट्रपति ट्रंप ने तुरंत मेरी बात मान ली। ट्रंप के भीड़ में जाने से अमेरिका का सुरक्षा तंत्र बेचैन हो गया। इस घटना से उनकी दिलेरी का पता चलता है। ट्रंप का यह व्यवहार मेरे दिल को छू गया।” पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत फर्स्ट वाला हूं और ट्रंप अमेरिका फर्स्ट वाले हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष कभी भी युद्ध के मैदान में नहीं सुलझ सकता। इसका समाधान तभी होगा जब दोनों पक्ष वार्ता की मेज पर बैठेंगे। मोदी ने स्पष्ट किया कि इस संघर्ष में भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के लिए ²ढ़ता से प्रतिबद्ध है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ अपने अच्छे संबंधों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि वह रूस से आग्रह कर सकते हैं कि युद्ध समाधान नहीं है।
वहीं, यूक्रेन को याद दिला सकते हैं कि युद्ध के मैदान से कभी समाधान नहीं निकलता। उन्होंने कहा, रूस और यूक्रेन के साथ मेरे एक जैसे करीबी संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठ सकता हूं और कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है। और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की को दोस्ताना तरीके से यह भी बता सकता हूं कि भाई, दुनिया में चाहे जितने भी लोग आपके साथ खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा।