बेंगलुरु (राघव): कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद पर घमासान तेज हो गया है। हालांकि सिद्धारमैया अभी मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हैं। मगर उससे पहले ही कई मंत्रियों और नेताओं ने इस पद की लालसा जाहिर की है। इस बीच मंत्री एमबी पाटिल और शिवानंद पाटिल में जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों मंत्री सीएम पद के लिए वरिष्ठता के पैमाने पर भिड़ गए। हालांकि सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जाहिर की है कि सिद्धारमैया सीएम पद पर बने रहेंगे।
मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि मुझसे वरिष्ठ लोग हैं, लेकिन वरिष्ठता ही एकमात्र पैमाना नहीं है। अभी मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं है। सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में भी बने रहेंगे। मुख्यमंत्री बनने में वरिष्ठता या कनिष्ठता कोई बड़ा मापदंड नहीं है। मैं कांग्रेस में भी वरिष्ठ हूं। 1991 से पहले से कांग्रेस पार्टी में हूं। अब लगभग 35 साल हो गए हैं। इसलिए मैं भी वरिष्ठ हूं। मगर वरिष्ठता एकमात्र पैमाना नहीं है।
जब शिवानंद पाटिल से एमबी पाटिल का समर्थन करने के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में उनसे वरिष्ठ कई लोग हैं। हालांकि शिवानंद ने यह स्पष्ट किया कि उनकी मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। शिवानंद ने कहा, “ऐसे कई लोग हैं जो उनसे (एम बी पाटिल) वरिष्ठ हैं। उन्हें इंतजार करना होगा, जब वरिष्ठ हैं तो क्या आपको इंतजार नहीं करना चाहिए?” अगर कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार सीएम पद के प्रमुख दावेदार हैं। इस बीच गृहमंत्री जी परमेश्वर और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकीहोली जैसे मंत्रियों के नाम भी चर्चा में हैं। मंत्री जारकीहोली ने कहा कि उन्होंने कभी भी वरिष्ठ या कनिष्ठ होने का दावा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह 2028 तक इंतजार करेंगे और सीएम बदलने की बात अब अप्रासंगिक है, क्योंकि सिद्धारमैया पद पर बने रहेंगे।
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष आरवी देशपांडे ने भी हाल ही में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी। देशपांडे के बयान पर सीएम सिद्धारमैया ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यह विधायक और हाईकमान तय करेंगे। ताजा घटनाक्रम पर वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर कांग्रेस के भीतर जंग छिड़ गई है। आने वाले दिनों में इसके और भी तेज होने की संभावना है। उन्होंने कहा, “आरवी देशपांडे ने इसकी शुरुआत की, फिर एमबी पाटिल, परसम्वाहरा, सतीश जरकीहोली समेत कतार लंबी है। डीके शिवकुमार को लगता है कि वह वैध दावेदार हैं। कांग्रेस सरकार को अपनी अंदरूनी लड़ाई के कारण परेशानी का सामना करना पड़ेगा।”