ब्रुसल्स (राघव): पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले पहले से कम हुए हैं, लेकिन अभी भी इनपर विराम नहीं लगा है। ऐसे में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष जमील मकसूद ने पीओके में कश्मीरी लोगों की न्यायेतर हत्याओं की बढ़ती संख्या की निंदा की है। मकसूद ने पाकिस्तान में निर्दोष कश्मीरियों की निरंतर और बेरोकटोक हत्या की कड़ी निंदा की है। इनमें से ताजा घटना रावलपिंडी में हुई है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की तरफ से किए गए ये जघन्य अपराध अराजकता, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन की याद दिलाते हैं जो पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रित क्षेत्रों में कश्मीरियों के साथ किया जा रहा है।
मकसूद के अनुसार, ये घटनाएं दिखाती हैं कि पाकिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा करने वाली संस्थाएं ही क्रूरतापूर्ण कृत्य कर रही हैं, जिनकी कोई जवाबदेही या न्याय का सहारा नहीं है। कानून के शासन को बनाए रखने और अपने नागरिकों, विशेषकर कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पाकिस्तानी सरकार की विफलता, न केवल अक्षमता का संकेत है, बल्कि मानवाधिकारों की जानबूझकर उपेक्षा है। मकसूद ने कहा, इस गंभीर लापरवाही ने दंडमुक्ति के माहौल को बढ़ावा दिया है, जहां कानून प्रवर्तन एजेंसियां जीवन की पवित्रता की घोर उपेक्षा के साथ काम करती हैं।
मकसूद ने कहा, मैं इस हत्या (रावलपिंडी घटना) की तत्काल और संपूर्ण जांच की मांग करता हूं और कानून प्रवर्तन के सदस्यों सहित सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। मकसूद ने कहा, पाकिस्तानी राज्य को अपनी दमनकारी रणनीति बंद करनी चाहिए और सार्थक सुधारों में संलग्न होना चाहिए जो कानून के शासन और कश्मीरियों सहित उसके सभी नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। कार्यकर्ता ने आगे दावा किया कि यूकेपीएनपी इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी और कश्मीरी लोगों के अधिकारों और सम्मान की वकालत करती रहेगी। यूकेपीएनपी ने कहा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता, और इन बर्बर कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को अदालत में जवाबदेह नहीं ठहराया जाता, तब तक हम चुप नहीं रहेंगे।