सोनीपत, 24: ओ.पी. जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय में एक विशिष्ट सार्वजनिक व्याख्यान में अमेरिका के राजदूत एरिक एम. गार्सेटी ने भारत-अमेरिकी संबंधों को ‘शताब्दी का सबसे महत्वपूर्ण संबंध’ के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह व्याख्यान जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स, जिंदल इंडिया इंस्टिट्यूट, और जिंदल ग्लोबल सेंटर फॉर G20 स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में दिया।
वैश्विक मंच पर बढ़ते संबंध
अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते और गहराते संबंध वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। गार्सेटी का दृष्टिकोण राजनयिक बयानबाजी से परे था और उन्होंने ‘4 पी’ – शांति, समृद्धि, पृथ्वी, और लोग – के आधार पर साझा आकांक्षाओं की बात की।
सांस्कृतिक संबंध और निजी यादें
गार्सेटी ने अपने भारत दौरों की व्यक्तिगत यादों को साझा किया और कहा कि भारत उनकी आत्मा से कभी अलग नहीं हुआ। उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को ‘विश्व का सबसे महत्वपूर्ण देश’ बताया है।
भविष्य की दिशा और दृष्टिकोण
व्याख्यान में, गार्सेटी ने बताया कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंध विश्व व्यवस्था को आकार देने में ‘सबसे महत्वपूर्ण’ हैं। उन्होंने इसे 21वीं शताब्दी के लिए निर्णायक माना।
विद्यार्थियों और शिक्षकों से संवाद
इस घटना में 200 से अधिक विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया। गार्सेटी के विचारों ने सभी को प्रेरित किया और एक नए युग की ओर इशारा किया, जहाँ भारत-अमेरिका संबंध अधिक समृद्ध और सार्थक होंगे।
इस व्याख्यान की महत्ता इस बात से भी झलकती है कि भारत-अमेरिका संबंध कैसे विश्व स्तर पर एक नई दिशा और गति प्रदान कर सकते हैं। यह भागीदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए भी फायदेमंद सिद्ध होगी।