उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक की घटना सामने आई है, जिसमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल की प्रमुख भूमिका ने सभी को चौंका दिया है। इस घटनाक्रम में, हरियाणा के जींद से एक आरोपी, महेंद्र को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा गिरफ्तार किया गया।
यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक: एक जटिल जाल
महेंद्र के माध्यम से, मेरठ और अन्य जिलों के सॉल्वर्स की मुलाकात दिल्ली पुलिस में तैनात हेड कॉन्स्टेबल विक्रम पहल से कराई गई थी। इस लीक स्कीम की पूरी योजना 18 फरवरी को हुई थी, जिसे विक्रम ने संभाला था। मानेसर के एक रिसॉर्ट में आयोजित एक बड़ी मीटिंग में, 1000 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर पढ़कर सुनाया गया था।
इस घटनाचक्र में अभिषेक शुक्ला और रवि अत्री गैंग का नाम भी सामने आया, जिन्होंने कई राज्यों में यूपी पुलिस भर्ती पेपर को मनमाने दामों में बेचा। STF ने बुधवार को महेंद्र को मेरठ लाया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। इस पूरे मामले में विक्रम अभी भी फरार है, और STF उसकी तलाश में जुटी हुई है।
मेरठ STF के ASP बृजेश कुमार सिंह ने खुलासा किया कि आरोपी महेंद्र के मोबाइल में पेपर लीक करने के सबूत के रूप में फोटो और वीडियो मिले हैं। इसके अलावा, उसके पास से 18 फरवरी की सेकेंड शिफ्ट का पेपर और आंसर की भी बरामद हुई है।
यह घटना न केवल पुलिस भर्ती प्रक्रिया में एक गंभीर खामी को उजागर करती है बल्कि इससे उन अभ्यर्थियों के प्रति भी चिंता बढ़ जाती है, जिन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी की थी। इस तरह की घटनाएं न केवल परीक्षा प्रणाली में बल्कि उम्मीदवारों के मनोबल में भी गहरी चोट पहुँचाती हैं।