वॉशिंगटन (नेहा): अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने विश्व भर में यूएसएड एजेंसी (USAID) के 2000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वहीं, हजारों लोगों को छुट्टी पर भेजने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, उन कर्मचारियों को इससे अलग रखा गया है, जिन्हें आवश्यक माना गया है। यूएसएआईडी चलाने वाले ट्रंप द्वारा नियुक्त उप प्रशासक पीट मैरोको ने जानकारी दी है कि 23 फरवरी को रात 11:59 बजे से USAID के सभी प्रत्यक्ष नियुक्त कर्मचारियों को प्रशासनिक छुट्टी पर भेजा जा रहा है। सिर्फ उन कर्मचारियों को ही काम पर रखा गया है जो मिशन-आधारित जरूरी कामों में जुटे हैं। बता दें कि अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने ट्रंप सरकार के आदेश को अस्थायी रूप से रोक लगाने के लिए कर्मचारियों की याचिका को खारिज कर दिया है।
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही USAID के वॉशिंगटन स्थित को बंद कर दिया है। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के मुखिया एलन मस्क का कहना है कि USAID द्वारा विदेशी साहया और विकास कार्यों के लिए ले दी जा रही फंडिंग पैसों की बर्बादी है। (DOGE) लगातार यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को लेकर बड़ा खुलासा कर रहा है। दावा किया गया है कि भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए USAID द्वारा फंडिंग की जा रही थी। दावा किया जा रहा है कि USAID द्वारा भारत में मतदान प्रतिशत सुधारने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए जा रहे थे। भारत और बांग्लादेश को दी जाने वाली फंडिंग पर ट्रंप प्रशासन ने रोक लगा दी है।
कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने देश के पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने भारत को उसके चुनाव में मदद के लिए 1.8 करोड़ डॉलर की धनराशि आवंटित की गई थी, जबकि उसे इसकी जरूरत नहीं है। ट्रंप ने कहा कि भारत हमारा काफी फायदा उठाता है। वह दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। वह 200 प्रतिशत (कर) लगाता है और फिर हम उसे उसके चुनाव में मदद करने के लिए बहुत सारा पैसा दे रहे हैं। ट्रंप ने बांग्लादेश को 2.9 करोड़ डॉलर देने के लिए भी यूएसएड की आलोचना की।