शिमला (नेहा): हिमाचल के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सांसद अनुराग ठाकुर केंद्र से प्रदेश को उसका हक कब दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश विरोधी है, इसलिए हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली राशि को रुकवा रही है। उन्होंने कहा कि जब से सुक्खू सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ दिया है, तबसे भाजपा नेता कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुक्खू के विरुद्ध षड्यंत्र रचने में लगे हैं, लेकिन उनका आपरेशन लोटस जनबल की ताकत के आगे फेल हो चुका है।
शिमला से शनिवार को जारी संयुक्त बयान में दोनों मंत्रियों ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में 5,000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी, जिससे सरकारी कोष पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा। ओपीएस लागू करने पर केंद्र ने पाबंदियों लगाई। इस वित्त वर्ष में ऋण लेने की सीमा 6,600 करोड़ रुपये तय की। वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1,780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी नहीं मिल रही। नड्डा व अनुराग बताएं, केंद्र सरकार से हिमाचल पर लगी इन पाबंदियों को हटाने के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए। वर्तमान राज्य सरकार अपने संसाधनों में वृद्धि कर रही है।
दोनों मंत्रियों ने कहा है कि नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उन्हें हिमाचल में आकर सनसनी फैलाने की अपेक्षा गरिमा में रहकर और तथ्यों पर आधारित बात करनी चाहिए। हिमाचल में आई भयंकर आपदा में भाजपा ने सिर्फ राजनीति की, केंद्र सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं दी। पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) के तहत मिलने वाले क्लेम की राशि हिमाचल को केंद्र सरकार ने नहीं दी। केंद्र की टीमें हिमाचल का दौरा कर गईं, राज्य सरकार ने 9,900 करोड़ रुपये के संशोधित क्लेम केंद्र को भेजे, लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला। प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4,500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया और 23,000 आंशिक व पूरी तरह क्षतिग्रस्त घर फिर से बसाए। एनपीएस कर्मचारियों के अंशदान और सरकार के हिस्से के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये पर केंद्र सरकार कुंडली मारकर बैठी है उसे दिलाए।
मंत्रियों ने कहा कि भाजपा बौखलाकर कांग्रेस सरकार के विरुद्ध कभी आर्थिक संकट तो कभी टायलेट शुल्क वसूलने की अफवाहें फैला रही है, लेकिन उसके मंसूबे पूरे होने वाले नहीं हैं। घर बनाने के लिए केवल 1.30 रुपये मिलते थे, राहत मैन्युअल में बदलाव कर सुक्खू सरकार ने सात लाख रुपये दिए। पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह भी दिए जा रहे हैं। मंत्रियों ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस भर्ती घोटाला हुआ, जिसकी जांच तक नहीं करवाई गई। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचे गए जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने इसे भंग कर दिया। पिछली सरकार के कार्यकाल में ही 100 करोड़ रुपये का खनन घोटाला तथा क्रिप्टो करंसी घोटाला भी हुआ है।