दिल्ली (नेहा):मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी लौटेंगे जब जनता उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट देगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे, और मनीष सिसोदिया भी सीएम नहीं बनेंगे। इस बीच, केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में केजरीवाल और सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। अब सवाल यह है कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा? चलिए जानते हैं उन पांच प्रमुख नेताओं के बारे में जो इस पद के दावेदार है।
अतिशी मार्लेना दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बन चुकी हैं। वह नीतिगत सुधारों और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रही हैं और केजरीवाल के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं में शामिल हो गई हैं। दिल्ली सरकार में उनके पास शिक्षा, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, बिजली, पानी और पब्लिक रिलेशंस जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी है। अतिशी की कार्यशैली और अनुभव उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।
आम आदमी पार्टी के अनुभवी नेता गोपाल राय का नाम भी सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदारों में लिया जा रहा है। वह छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वर्तमान में दिल्ली सरकार में पर्यावरण, वन और वाइल्डलाइफ विभाग के मंत्री हैं। उनकी संघर्षशीलता और अनुभव ने उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है। गोपाल राय को मजदूरों और पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने का काफी अनुभव है। कैलाश गहलोत दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री के रूप में प्रसिद्ध हैं और उन्होंने दिल्ली में यातायात व्यवस्था में कई सुधार किए हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली में बस सेवाओं का विस्तार हुआ है और इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत भी की गई है। उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और प्रभावी कामकाज के कारण, वह भी सीएम पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली सरकार और पार्टी को संकट के समय में संभाला है और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपनी क्षमताओं का परिचय दिया है। उनकी सक्रियता और संगठनात्मक कौशल उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल करता है। अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी इस समय दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी संभाली है और दिल्ली तथा रांची में इंडिया गठबंधन की रैलियों को संबोधित किया है।
हालांकि उनका राजनीतिक अनुभव सीमित है और गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण उनका दावा थोड़ा कमजोर प्रतीत होता है, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए उनकी संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और विधानसभा भंग नहीं होने के कारण नवंबर में चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी कौन सा नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करती है और क्या पार्टी परिवारवाद के आरोप से बच पाती है।